चूतो का समुंदर - Printable Version +- Sex Baba (//penzpromstroy.ru) +-- Forum: Indian Stories (//penzpromstroy.ru/Forum-indian-stories) +--- Forum: Hindi Sex Stories (//penzpromstroy.ru/Forum-hindi-sex-stories) +--- Thread: चूतो का समुंदर (/Thread-%E0%A4%9A%E0%A5%82%E0%A4%A4%E0%A5%8B-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A4%B0) |
RE: चूतो का समुंदर - sexstories - 06-07-2017 पूनम की धीरे-धीरे सिसकिया निकल रही थी.....पर लंड मुँह मे होने की वजह से ठीक से सुनाई नही दी... मैं- संजू...मज़ा आ रहा है... संजू- हाँ भाई...तेरे सामने इससे लंड चुसवाने मे ज़्यादा ही मज़ा आ रहा है...इतनी जल्दी टाइट हो गया... मैं- ह्म्म ..छोड़ना मत...पेलता रह उसके मुँह मे...आज उसे रुला-रुला कर चोदना है...ये ले.... पूनम- उउउंम..उउंम्म...उउंम्म..उउउंम्म... संजू- यीहह...दी....ऐसे ही...आअहह.... मैं- यीहह....साली...अब खा 2-2 लंड...ये ले....ईईहह...ईईहह.... थोड़ी देर बाद मैने चुदाई रोकी और संजू को इशारा कर दिया कि उसे छोड़ दे... संजू के छोड़ते ही पूनम खांसने लगी और उसके मुँह से लार टपकने लगी... पूनम- कमीने...खो-खो..आआहह..म्मार डालोगे क्या....आअहह..भाई...तुम..खो-खो...उउंम्म... मैं- बस कर...अभी तो तुझे बहुत कुछ सहना है.... चल संजू इसे अपने उपेर चढ़ा ले...तू चूत मार...मैं गान्ड फाड़ता हूँ इसकी.... संजू तुरंत लेट गया और पूनम भी उसका लंड ले कर उसके उपेर लेट गई.... पूनम- भाई...अब गीला कर के डालना.... मैं- नही...आज तुम्हे दर्द झेलना होगा...यही तेरी सज़ा है... और मैने लंड को गान्ड पर सेट कर के एक धक्का मारा और सुपाड़ा गान्ड मे घुस गया..... पूनम- आाऐययईईईईईई.....ध्हीरीए... मैने पूनम की फ़िक्र ना करते हुए पूरा लंड दूसरे झटके मे गान्ड मे डाल दिया.... पूनम- ऊहह...म्म्म्मा आअ......म्म्मासअररर ......गाऐयईई... मैं- संजू..इसकी टेन्षन मत लो...और धक्के मारने शुरू करो... मेरी बात सुनते ही संजू ने नीचे से और मैने उपेर से धक्के मारना शुरू कर दिया.... पूनम दर्द से तड़पति हुई हम दोनो के लंड का मज़ा लेने लगी.... थोड़ी देर मे ही पूनम नॉर्मल हो गई और सिसकने लगी.... पूनम- आअहह....आअहह....एक साथ दो लंड का मज़ा...आआहह.... संजू- दी तुम्हे मज़ा आ रहा है ना... मैं- तुझे दिखता नही क्या...देख कैसे मज़े से गान्ड हिला रही है.... पूनम- हाँ भाई....बहुत मज़ा आया...मारो...और तेजज....आआहह.... पूनम पूरी मस्ती मे अपनी चूत और गान्ड मरवाते हुए मज़े ले रही थी...और मैं और संजू भी चुदाई का मज़ा ले रहे थे... रूम मे बस हमारी सिसकारियों की आवाज़े आ रही थी.... संजू- यस दी...ये लो...आअहह...क्या मस्त चुदवा रही हो दी...येस्स..ईीस्स.... पूनम- हाँ भाई...ज़ोर से मारो...आअहह...आहह.. मैं- संजू पेल साली को...अभी ये दी नही..एक रंडी समझ कर चोद... पूनम- हाँ भाई...दोनो की रंडी हुउऊउ....मारो...आअहह...उउउफफफ्फ़ .... संजू- तो ये ले फिर...ले रंडी... मैं- हाँ..ऐसे ही...मार साली की...फाड़ दे....ईएहह.... थोड़ी देर तक पूनम को दोनो तरफ से चोदने पर पूनम झड गई और लस्ट पड़ गई... तब मैने लंड गान्ड से निकाल लिया और संजू ने भी पूनम को साइड लिटा दिया.... पूनम- आअहह...मार डाला...उउउंम्म... मैं- अभी तो शुरुआत है..आगे देखना... पूनम- ह्म्म..तो दिखाओ फिर... RE: चूतो का समुंदर - sexstories - 06-07-2017 संजू- तुम तो सच मे रंडी के जैसे तैयार हो गई.. पूनम- ओये...आज मैं तुम दोनो की रंडी ही हूँ...रूको मत...चलो आओ...पर एक साथ नही...दोनो साथ मे थोड़ी देर से करना...ओके.. मैं- ओके..चल फिर कुतिया बन जा...और संजू तू इसका मुँह चोद...तब तक मैं इसकी गान्ड मारता हूँ... पूनम वफ़ादार कुतिया की तरह पोज़ मे आ गई...और संजू भी उसके सामने खड़ा हो गया... पूनम ने मुँह खोल कर संजू के लंड का स्वागत किया और चूसने लगी... मैं भी पूनम के पीछे आया और एक झटके मे लंड को गान्ड मे डाल कर थुकाइ शुरू कर दी... पूनम- उउंम..आहह...तुम्हारा लंड..जान ..निकाल देता है..उउउंम्म.. संजू- तू लंड चूस साली... मैं- अब ठीक बोला...और तू साली..ये ले... पूनम- उउंम..उउंम..उउउंम..उउंम...उउंम.. संजू- पूरा ले साली...अंदर तक...आअहह... मैं- ईएहह...ईएह...ये ले...एस्स...एसस्स...एस्स... थोड़ी देर तक मैं जोरदार तरीके से गान्ड मारता रहा और पूनम भी संजू के लंड को तेज़ी से चूस्ति रही.... संजू को लगा कि वो झाड़ जायगा तो उसने लंड को बाहर निकाल लिया.... पूनम- आहह...क्या हुआ तुझे... संजू- मुझे भी गान्ड मारनी है... मैं - पूनम मार लेना पर अभी नही... मैं- संजू...तू चूत मार ले... पूनम- एक साथ नही प्ल्ज़... मैं- ठीक है..तू संजू से चूत मरवा...मैं तेरा मुँह चोदता हूँ.. पूनम - ह्म्म..आजा संजू... पूनम जल्दी से लेट गई और संजू ने भी जल्दी से पूनम के पीछे लेट कर उसकी चूत मे लंड पेल दिया और मैने भी पूनम के मुँह मे लंड डाल दिया... और फिर से चुदाई शुरू हो गई.... संजू- आअहह...अब लंड को सुकून मिला...यीहह...यीहह... पूनम- उउउंम...सस्स्ररुउउउगग़गग...सस्द्रररुउउउगगगगग....उूुउउंम्म... मैं-यस बेबी यस...ज़ोर से...आअहह... संजू- ओह्ह..एसस्स दी...येस्स...टेक इट...आअहह... पूनम- उउंम...सस्स्रररुउउउगगगगग...उूउउंम्म...उूउउम्म्म्म...उूउउंम्म.... मैं- ऊहह..ग्गगूवस्ससस....ससूउक्ककक...ईएहह.....ययईएहह... थोड़ी देर की चुदाई के बाद पूनम फिर से झड़ने लगी....और उसने मेरा लंड मुँह मे दबा कर झड़ना शुरू कर दिया.... पूनम- उूुउउंम्म...उूउउम्म्म्म...उउउम्म्म्म....उउउम्म्म्म.... पूनम के झड़ते ही मैने उसके मुँह से लंड निकाल लिया और और संजू भी लंड निकाल के बैठ गया.... संजू- अब मुझे गान्ड मारने दो... पूनम- बाद मे मार लेना...आअहह.. मैं- नही...अभी मार संजू...पकड़ इसे और उपेर बैठा ले...चूत मेरे लिए खोल देना... पूनम- एक साथ ..नही ना... मैं- चुप कर...ये तेरी सज़ा है..मुझसे छिपाने के लिए.... संजू तो मेरे बोलते ही खुश हो गया और उसने पूनम को अपने उपेर लिटा कर गान्ड मे लंड डाल दिया... पूनम एक हल्की सिसकी के साथ गान्ड मे लंड ले गई..... संजू- गान्ड तो चूत से ज़्यादा मस्त होती है दी...मज़ा आ गया... मैं- अब मज़ा ले...मैं चूत का मज़ा लेता हूँ...पूनम भी दो लंड का मज़ा लेगी... और मैने पूनम के उपेर आकर उसकी चूत मारना शुरू कर दिया..... RE: चूतो का समुंदर - sexstories - 06-07-2017 मैं- संजू...ज़ोर से मारना दी की गान्ड... संजू- फाड़ डालुगा भाई... पूनम- ओह्ह्ह....सालो...अपनी दी की फाड़ोगे...आआअहह....आअहह... संजू- आज तू दी नही...रंडी है....ये ले... मैं- सही कहा...फाड़ दे....ईीस्स...ईएसस्स.... पूनम- ओह्ह्ह...एस्स....माअरो...ज़ोर से...आहह...आहह... हम तीनो चुदाई मे पूरी तरह मस्त थे...और पूनम तो नये अनुभव से ज़्यादा ही मस्त थी... पूनम- आअहह ....आअहह ....आअहह....आअहह... संजू- एस्स...ये लो ..दी....ज़ोर से लो...यीहह... मैं- मज़ा ले पूनम ...अब ऐसे ही चोदेगे....आअहह... पूनम- हाँ भाई...आआओउउंम्म...दोनो मारना....रंडी बना कर...आआहह...आअहह.... संजू- एसस्स..एसस्स...ईीस्स..ईसस्स... मैं- ये लो...यीहह...यईहह...यईहह... पूनम- आअहह...आअहह...आअहह ....आअहह...फास्ट...फास्ट....आहह.. टिदी देर बाद पूनम झड़ने लगी... पूनम- मैं आई भाई...आआअहह. .उउफफफ्फ़...म्म्मासआ ....ईएसस्स...ईीस्स...आअहह... पूनम के झाड़ते ही संजू भी झड़ने लगा.... संजू- मैं भी गया...आअहह...ईएह...यईएह.... मैं- अभी मेरा काम नही हुआ... पूनम मैं थक गई...पल्लज़्ज़...रुक जाओ.. मैं- चल...तेरा मुँह चोदता हूँ...आजा... पूनम नीचे बैठ गई और मैं उसका मुँह चोदने लगा....संजू अपना लंड हिलाते हुए लंड रस टपकाने लगा... पूनम-उउंम..उउंम..क्ख्म्म..क्क्हुउऊंम्म.ऊमम्म.. मैं-यीहह......अंदर ले...ओर ...यहह... मैं झड़ने के करीब था तो पूरी स्पीड से उसके मुँह को चोदने लगा…और उसकी सिसकारिया…उसके मुँह मे दबने लगी.. मैं-ईीस…एस्स..बाबे…एसस्स…ज़ोर से…आहह पूनम-उउउंम…सस्रसरररुउउप्प्प…सस्रररुउुुुउउ……उउउम्म्म्म….क्क्हूंम्म्मम ऐसे ही थोड़ी देर मैं पूनम के मुँह को चोदता रहा ऑर फिर झड़ने लगा... पूनम ने मेरे लंड रस की एक भी बूँद बर्बाद नही की और पूरा पी गई... थोड़ी देर बाद हम सब नॉर्मल हुए और कपड़े पहन लिए... संजू- आज तो मज़ा आ गया... पूनम- सच मे..इतना मज़ा पहली बार आया... मैं- ह्म्म..संजू तू जा..मैं पूनम के साथ आता हूँ... संजू मेरी बात मान कर निकल गया...और मैने पूनम को समझा दिया कि कभी भी संजू को ये मत बताना कि मैं तुझे पहले से चोदता हूँ... पूनम- डोंट वरी भाई..कभी नही बोलूँगी... मैं- और हां..जगह देख कर चुदाई किया कर..खुले मे नही.. पूनम- सॉरी भाई...अब ध्यान रखुगी.. मैं- चलो अब... हम दोनो थोड़ा आगे ही बढ़े थे कि मेरे पास एक कॉल आ गया... स्क्रीन देख कर मैने पूनम को जाने को बोला...उसके दूर जाते ही मैने कॉल पिक की... सामने से जैसे ही मैने पहली लाइन सुनी तो मेरे रोंगटे खड़े हो गये...बात ही कुछ ऐसी थी.....किसी की भी गान्ड फाड़ दे.... क्या थी वो बात...???????? RE: चूतो का समुंदर - sexstories - 06-07-2017 मैने फ़ोन पिक किया और हेलो भी नही बोल पाया था कि मेरे आदमी ने मुझे एक झटका दे दिया..... ( कॉल पर) स- तुम्हारे डॅड गायब है.... मैं- ( मैं सन्न रह गया) स- हेलो अंकित...सुन रहे हो... मैं- हह ...हां..क्या कहा...?? स- तुम्हारे डॅड गायब है...4 घंटे से उनका कुछ भी पता नही चल रहा... ( जबसे मैने अपने दुश्मनो के बारे मे जाना था...और मुझे पता चला था कि वो लोग मेरे डॅड की जान के पीछे है... तब से मैने अपने आदमियों को मेरे डॅड पर नज़र रखने को बोला था....) स- अंकित...हेलो...तुम्हारे डॅड.... मैं(चिल्ला कर)- सुना मैने...पर ये कैसे हो गया...अपना आदमी कहाँ था ..?? स- सुनो ..बताता हूँ...तुम्हारे डॅड अपने क्लाइंट के साथ एक बिल्डिंग मे गये थे ...तभी से उनका फ़ोन नही लग रहा और वो अभी तक वापिस भी नही आए... मैं- तो कहाँ गये...उससे बोलो कि बिल्डिंग मे जा कर पता करे... स- उसने कोशिस की थी ..पर एंट्री नही मिली... मैं- ऐसे कैसे नही मिली...बोलो उसको कि अंदर जाए... स- भाई..वो अपना देश नही...समझा कर... मैं- तुम फ़ोन रखो...बाद मे बात करता हूँ... मेरे आदमी के बोलने से पहले ही मैने कॉल कट कर दी... और फिर मैने अपने डॅड को कॉल किया...फ़ोन नही लग रहा था... मैने 5-6 बार ट्राइ किया पर हर बार सेम रिज़ल्ट... मेरे माइंड मे टेन्षन बढ़ती जा रही थी....और मैं टेन्षन मे यहाँ से वहाँ घूमे जा रहा था .... अगले 10-15 मिनिट मे मैं लगातार डॅड को कॉल करता रहा पर एक बार भी कॉल नही लगा.... अब मेरी टेन्षन डर मे बदल रही थी...मुझे किसी ख़तरे का अंदाज़ा होने लगा था... डर और टेन्षन ने मेरे माइंड पर क़ब्ज़ा कर लिया था...और मैं डॅड का सोच-सोच कर रोने सा लगा था... थोड़ी देर मे ही दुख ने मेरे दिल पर भी पूरी तरह कब्जा कर लिया और मैं रोने लगा... मैं डॅड को कॉल करते हुए रो रहा था..." डॅड प्लीज़ ...पिक अप दा फ़ोन....प्लीज़....प्लीज़....डॅड..." इस थोड़े से टाइम मे मेरे दिल और दिमाग़ मे बहुत से बुरे ख्याल आ चुके थे और मेरी आँखो से आँसुओ की लड़ी लग चुकी थी.... मैं भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि प्लीज़ मेरे डॅड को कुछ ना हो...और आज भगवान ने मुझे किसी अच्छे कर्म का फल दे दिया.... भगवान ने मेरी सुन ली और डॅड ने कॉल पिक कर लिया.... आकाश- हाँ बेटा...बोलो... मैं(रोते हुए)- डॅड.... आकाश- बेटा...क्या हुआ तुम रो रहे हो...?? डॅड ने मेरी आवाज़ सुन कर पहचान लिया कि मैं रो रहा हूँ... आकाश(फ़िक्र करते हुए)- बेटा..बोलो क्या हुआ... मैं(मन मे)- ओह...अब क्या बोलूं...रोना बंद कर अंकित...ठीक से बात कर... आकाश(ज़ोर से)- बोलो ना...हुआ क्या.. मैं(रोना बंद कर के)- कुछ नही डॅड...आप ठीक हो... आकाश- हाँ...मेरी छोड़..तू रो क्यो रहा था...?? मैं- डॅड..वो...एक सपना देखा था...बुरा था...फिर आपको कॉल किया तो काफ़ी टाइम से कॉल नही लगा...तो बस... आकाश(हँसते हुए)- ओह्ह...बेटा...मैं ठीक हूँ...सपने के बारे मे इतनी टेन्षन मत लिया कर ...ह्म्म मैं- जी डॅड...पर आपको कॉल क्यो नही लग रहा था... आकाश- अरे हाँ..हुआ क्या बेटा कि मेरे क्लाइंट ने अपने बेसमेंट मे एक शानदार हॉल बना रखा है...वही हमारी मीटिंग हुई..और फिर खाना-पीना...और बेटा...वहाँ नेटवर्क नही मिलता...इसलिए... मैं(मुस्कुरा कर)- ओह्ह...सॉरी डॅड..मुझे पता नही था ... आकाश- नही बेटा...आइ एम सॉरी... मैं- डॅड...ये आप...मुझे सॉरी क्यो...?? आकाश- इसलिए ..क्योकि मुझे ख्याल रखना चाहिए था कि तू कॉल करेगा तो टेन्षन लेगा..अगर कॉल नही लगी तो.... मैं- नही डॅड...छोड़िए ना..आप ये बताए कि आप कैसे है... आकाश- फिट न्ड फाइन...और तुम..?? मैं- मस्त हूँ डॅड...आप कब आ रहे है... आकाश- बहुत जल्दी...शायद 4 दिन बाद...ह्म्म मैं- ओके डॅड.... आकाश- अब मेरी टेन्षन छोड़...मज़े कर..मुझे काम से जाना है...बाइ बेटा.. मैं- ह्म..बाइ डॅड... कॉल कट हो जाने के बाद मैने चैन की साँस ली...तभी मेरे आदमी का कॉल आ गया... उसने भी डॅड के ठीक होने की खबर दी...हमारे आदमी ने उन्हे बिल्डिंग से निकलते देख लिया था... मैने अपने आदमी को सारी बात समझा दी और कॉल कट कर के अपने आप को ठीक किया और आगे बढ़ने लगा..... थोड़ी देर बाद हम सब साथ मे गरमा-गरम बिरयानी का मज़ा ले रहे थे... मेरा मूड ठीक नही था पर मैं किसी को वजह नही बता सकता था इसलिए मुस्कुराता रहा.... अकरम- वाउ यार तेरी टी-शर्ट का कलर तो मेरा फेव है... मैं- हाँ साले..जानता हूँ...ब्लू कलर ईज़ युवर फेव... अकरम- ह्म्म..मैने भी ऐसी ही टी-शर्ट ली बट कलर रेड मिल पाया... मैं- तू हमेशा मेरी कॉपी क्यो करता है बे... अकरम- बस...मेरा मूड...हाहाहा... ( अकरम की हमेशा से आदत थी कि वो मेरे जैसे कपड़े खरीदता था...पता नही क्यो..पर उसे मेरे कपड़े बड़े पसंद आते थे.. और तो और साला मेरे कपड़े भी ले लेता है...) हमने गप्सप मारते हुए बिरयानी खाई और उसके बाद वापिस घूमने लगे... फिर कुछ खास नही हुआ और हम वापिस आ गये... RE: चूतो का समुंदर - sexstories - 06-07-2017 मैने वापिस आकर किसी से कोई बात नही कि...सबसे रेस्ट करने का बोल कर अपने रूम मे आ गया... आज कुछ देर के हालात ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया था.... जब विनोद(संजू के चाचा) और रेणु दी ने मुझसे कहा था कि मेरे दुश्मन कुछ टाइम के लिए चुप रहने वाले है तो मैं उनकी तरफ से रिलॅक्स हो गया था.... पर मोहिनी की बात सुनकर मेरा सब्र ख़त्म हो रहा था...उपेर से डॅड की टेन्षन भी हो रही थी... मैं नही चाहता था कि मेरे डॅड पर कोई भी मुसीबत आए.... अभी तक मैं सोच रहा था कि पहले अकरम की फॅमिली को लाइन पर ले आउ फिर रजनी आंटी से बात करूँगा.... रजनी आंटी से उनकी दुश्मनी की वजह पता कर के आगे बढ़ुंगा...पर अब टाइम नही है... मैं जल्द से जल्द इस किस्से को ख़त्म करना चाहता था...अब मुझे एक साथ कदम बढ़ाने होंगे.... सबसे पहले मोहिनी से पूरा सच जानना पड़ेगा और यहाँ से जाते ही रजनी आंटी को पाकडूँगा.... कामिनी से जो पता चला था...उसका यूज़ कर के कामिनी को भी घेरना होगा...पर वो बाद मे... अभी तो मोहिनी से बात करनी होगी....पर कैसे शुरुआत करूँ...ह्म्म्मन..मोना... मैं तुरंत रूम से निकला और मोना को ढूँढने लगा... मोना इस टाइम ज़िया के साथ गप्पे मार रही थी... मैने ज़िया को कॉफी बनाने का बोला और ज़िया के जाते ही मोना को अपने रूम मे आने को बोल दिया.... फिर मैं कॉफी ले कर वापिस रूम मे आ गया और मोना का वेट करने लगा .... ---------------------------------------------------- यहाँ सहर मे.... रजनी आंटी एक होटल मे बैठी हुई किसी का बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी... थोड़ी देर मे वहाँ विनोद आ गया.... विनोद(सामने बैठते हुए)- भाभी...यहाँ क्यो बुलाया...?? रजनी- मुझे बहुत ज़रूरी बात करनी है... विनोद- ठीक है...पर घर पर भी बात हो सकती थी ना... रजनी- नही...ये बात नही कर सकती थी...घर पर अनु, रक्षा और तेरी बीवी है...समझे... विनोद- तो क्या हुआ..उनसे क्या डरना... रजनी- डर है...ये बात अंकित के बारे मे..और अनु और रक्षा की अंकित से बात होती रहती है...उन्हे भनक भी लगी तो वो अंकित को बक देगी... विनोद- पता है बात होती है..पर ऐसी क्या बात है जिससे डरना पड़े... रजनी- अंकित को पता चल गया कि उसकी जान ख़तरे मे है तो उसका क्या हाल होगा... विनोद(मुस्कुरा कर)- जो भी होगा...हमे क्या... रजनी(गुस्से से)- चुप कर...मेरे होते हुए उसे टेन्षन भी नही होने दे सकती मैं.. विनोद(चौंक कर)- तुम्हे उससे इतनी हमदर्दी क्यो है...क्या ये उससे चुदाई का असर है ..हां...?? रजनी(गुस्से से देखते हुए)- तेरे लिए सब चुदाई ही होती है...दिल के अहसास कुछ नही..हाँ.. विनोद- ओके ओके..गुस्सा छोड़ो...ये बताओ कि असली बात क्या है..?? रजनी- मुझे ये जानना है कि अंकित की जान को ख़तरा है तो किससे है...बॉस ने क्या सोचा है... विनोद- ख़तरा तो है..पर मुझे नही पता कि बॉस ने क्या सोचा... रजनी(गुस्से मे)- झूट मत बोल मुझसे....मैं जानती हूँ कि तेरी बात होती है बॉस से..और तू सब जानता है... विनोद- मुझसे कुछ नही पता..समझ गई.. रजनी(खड़े हो कर)- ओके..मत बोल..अब मैं अंकित को बता देती हूँ सब कुछ...पूरा सच... विनोद(हड़बड़ा कर खड़ा हुआ)- नही..नही..ऐसा मत करना..प्लीज़ ( विनोद की गार्डन तो पहले से ही अंकित के हाथ मे थी...) रजनी- तो जल्दी से बोलना सुरू कर... विनोद- बताता हूँ...बॉस ने एक शूटर भेजने का सोचा है अंकित के लिए... रजनी(मूह पर हाथ रख कर)- क्या...उसे मारने के लिए..नही... विनोद- अरे मारने नही...सिर्फ़ डरने...एक झटका देने.. रजनी- पर उस बच्चे की क्या ग़लती...मारना है तो आकाश को मारो...उसको क्यो...?? विनोद- पता नही...बट डोंट वरी...अंकित का जिंदा रहना ज़रूरी है अभी...उसे कुछ नही होगा...बस कुछ दिन रेस्ट करेगा बेचारा... रजनी- तुम जानते हो किसको भेजा... विनोद- नही...अपने बच्चो की कसम...नही जानता... रजनी बिना कुछ बोले वहाँ से निकल कर आ जाती है.. घर आने के बाद रजनी अपने रूम मे आँसू बहा रही थी... रजनी(मन मे)- अब क्या करूँ मैं...अंकित को बता दूं क्या...मेरी चुप्पी कहीं उसकी जान के लिए ख़तरा ना बन जाए.... हां...अंकित को साबधान कर देती हूँ..मैं उसे कुछ नही होने दे सकती..उसने तो कुछ किया भी नही.. यही सोच कर रजनी ने अंकित को कॉल लगाया बॅट उसका कॉल नही लग रहा था.... रजनी कंटिन्यू कॉल करती रही..पर कोई फ़ायदा नही हुआ...आख़िरकार रजनी ने ब्रेक ले कर कॉल लगाने का सोचा और लेट गई..... RE: चूतो का समुंदर - sexstories - 06-07-2017 यहाँ सोनू( सुषमा का बेटा) के घर.... सोनू जाने की तैयारी कर चुका था...और इस समय कुछ लिख रहा था... सोनू कभी भी इस तरह का काम करना नही चाहता था..पर वो मजबूर था... उसे सिर्फ़ इंतज़ार था आने वाले ऑर्डर का कि उसे कब निकलना है... सोनू ने एक लेटर लिखा और लिफाफे मे पॅक कर दिया.... थोड़ी देर बाद ही उसे रश्मि का कॉल आ गया... ( कॉल पर) रश्मि- रेडी हो...?? सोनू- ह्म्म..और कोई रास्ता भी तो नही... रश्मि- सही कहा...तो अब काम करने को तैयार हो जाओ...टाइम आ चुका है.... सोनू(गुस्से मे)- बोला ना ...तैयार हूँ...तुम आगे बोलो... रश्मि- ओह..इतना गुस्सा... सोनू- आगे बोलो.... रश्मि- अड्रेस सेंड करती हूँ...तुम्हे अभी निकलना है...और वहाँ रुकने का इंतज़ाम कर दिया है...वहाँ पहुचो तो हमारा आदमी मिल जायगा... सोनू- ह्म्म...और काम..?? रश्मि- काम कब करना है..ये बता दिया जायगा...अब निकलो... सोनू- भगवान तुम्हे कभी माफ़ नही करेगा...बुरी मरोगी तुम.. रश्मि- हहहे....मेरी छोड़ ...अपनी देख...निकलो...बाइ... रश्मि ने कॉल कट कर दी और सोनू ने गुस्से से फ़ोन को बेड पर फेक दिया और फिर से रोने लगा... सोनू- हे भगवान...मैं ही क्यो.... थोड़ी देर बाद उसके फ़ोन पर मेसेज आ गया ..जहाँ उसे जाना था... सोनू ने खुद को नॉर्मल किया और बेग ले कर सोनम के पास पहुचा.... सोनू ने सोनम को वो लिफ़ाफ़ा पकड़ा दिया... सोनू- ये लिफ़ाफ़ा संभाल के रखो... सोनम- ओके..पर इसका क्या करना है वैसे...?? सोनू- जल्दी बताउन्गा...जब तक संभाल के रखना...मैं चलता हूँ... सोनम- ओके..वापिस कब तक आओगे... सोनू( मुस्कुरा कर)- बहुत जल्द...बाइ.. सोनम- बाइ भाई... फिर सोनू अपनी कार से अपनी मज़िल की तरफ निकल गया.... ----------------------------------------------------- फार्महाउस पर..... मैं अपने रूम मे मोना का इंतज़ार कर रहा था... थोड़ी देर बाद मोना मेरे रूम मे आई और आते ही रूम लॉक कर दिया... मैं- इतनी देर लगती है आने मे....?? मोना( मुस्कुरा कर)- मैं इतनी पसंद आ गई कि अब थोड़ा सा इंतज़ार भी नही होता.. मैं- बकवास बंद करो...मैने यहाँ तुझे प्यार करने नही बुलाया...समझी.... मोना(मूह बना कर)- तो फिर मुझसे कौन सा काम आ गया...?? मेरा दिमाग़ वैसे ही गरम था...इसलिए मैने मोना से डाइरेक्ट बात करने का सोच लिया था..... मैं- एक काम है और बहुत ज़रूरी काम... मेरे लिए तो है.. . मोना(सीरीयस हो कर)- कौन सा काम...?? मैं- मुझे वो सच जानना है जो तुम्हारी मोम ने दुनिया से छिपाया हुआ है... मोना- क्या मतलब... मैं- मतलब ये कि कल रात तुम्हारी मोम ने तुम्हे जो कहानी सुनाई थी...वो कहानी ...वो भी पूरी.... मोना- क्या बकवास है...मुझे ऐसा कुछ नही पता...मैं तो अपने रूम मे सो रही थी रात को... मैं गुस्से से उठा और अपना मोबाइल मोना को दिखाते हुए बोला... मैं- सो रही थी...तो ये क्या है... ( ये कल रात की रेकॉर्डिंग थी...मोहिनी और मोना की बातें...) जैसे-जैसे रेकॉर्डिंग आगे बढ़ती रही...वैसे-वैसे मोना की आँखे और मूह खुलते गये..... अब मुझे बस इस बात का इंतज़ार था कि मोना को ये रेकॉर्डिंग दिखाने का क्या असर होगा... मेरे प्लान मे हेल्पफूल्ल होगा या मेरे खिलाफ जायगा....??????? मोना पूरी रेकॉर्डिंग देखती रही और परेसान होती रही.... पूरी रेकॉर्डिंग देख कर मोना बेड पर आ कर बैठ गई...अभी तक उसने एक भी शब्द नही बोला था.... मैं- अब बोलो... मोना- चुप-चाप नज़रे झुकाए बैठी रही.... मैं(चिल्ला कर)- मैने कहा बोलो... मोना- क्क़..क्या..?? मैं- अब बताओगी मुझे कि पूरी बात क्या है...तुम्हारी मोम क्या छिपा रही है...और उन्हे मेरे दादाजी से क्या सवाल करने है... मोना- देखो...मुझे कुछ नही पता... मैं(गुस्से मे)- तुझे सब पता है...समझी...और इसका सबूत मैं दिखा चुका हूँ.... मोना- हाँ...पर मुझे इतना ही पता है....जितना तुम्हे.... मैं- ओह्ह...पर ये पूरा सच नही है...समझी... मोना- पूरा सच मुझे भी नही पता... मैं- झूट...तुम्हे पता है... मोना- कसम से...मुझे इतना ही पता है...मोम ने आगे कुछ नही बताया ... मैं- ओककक...माना...तुम्हे इतना ही पता है....तो अब जाओ और पूरी बात पता करो... मोना- ओके...पर क्यो...तुम्हे ये इतना ज़रूरी क्यो है...??? मैं- क्योकि कहीं ना कहीं ये सच मेरे आज पर असर कर रहा है.... मोना- अच्छा...वो कैसे...??? मैं- इससे तुझे कोई मतलब नही...तुम बस पूरा सच पता करो.... मोना- मैं..पर क्यो...??? मैं(गुस्से मे)- क्यो कि बच्ची...जितना कहा...उतना कर... मोना भी गुस्से मे खड़ी हो गई और मुझे घूर कर बोली... मोना- क्यू करूँ..तुम्हारी गुलाम हूँ क्या... मैं- अच्छा...नही करेगी...ह्म्म मोना- नही... मेरा माता पहले से हिला हुआ था...और मुझे गुस्सा भी आ रहा था.... गुस्से से मैने मोना को मारने के लिए हाथ उठाया.... मेरा हाथ देख काट मोना की आँखे बंद हो गई...पर मैं अपना हाथ रोक लिया..... जब मोना को थप्पड़ नही पड़ा तो मोना ने धीरे से अपनी आँखे खोली...और मेरा हाथ रुका हुआ देख कर बोली..... मोना- क्यो...क्यो रुक गये...मारो... मैं- नही....मैं बिना ग़लती के किसी लड़की पर हाथ नही उठाता... मोना- अच्छा...क्यो..इससे तुम्हारी मर्दानगी... मैं(बीच मे)- बस....चुप रहो....जाओ यहाँ से...जाओ... मोना- क्या...जाउ...??? मैं- हाँ...दफ़ा हो यहाँ से... मोना- अब क्या हुआ...पूरा सच नही जानना...?? मैं- जाओ यहाँ से...मुझे कोई बात नही करनी... मोना- पर तुम तो... मैं(बीच मे)- बस....जाओ यहाँ से... मोना मुझे गुस्से मे देख कर चुप-चाप जाने लगी.... गेट पर पहुच कर मोना रुकी और बोली.... मोना- अब तुम पर पड़ने वाले असर को भूल गये क्या....??? मैं- तुम दफ़ा हो जाओ... मोना चली गई...मेरा दाव फैल हो गया.... RE: चूतो का समुंदर - sexstories - 06-07-2017 मैने सोचा था कि ये रेकॉर्डिंग देख कर मोना डर जायगी...पर ये तो बिल्कुल नही डरी.... लगता है साली को बदनामी की कोई फ़िक्र नही....दोनो माँ-बेटी रंडी है साली... मैं गुस्से मे दोनो को बड़बड़ाता रहा और मेरा गुस्सा भी बढ़ता गया.... थोड़ी देर बाद मैने सोचा कि आगे कोई प्लान बनाने के लिए माइंड को शांत करना होगा.... फिर मैने एक पेग लगाया और लेट गया.... ----------------------------------------------------- मोना मेरे रूम से निकालने के बाद सोच मे पड़ गई.... मोना सोच रही थी कि मेरे पास आख़िर वो रेकॉर्डिंग कैसे आई.... और मोना भी अब ये जानने के लिए व्याकुल थी कि उसकी मोम का पूरा सच क्या है...क्या हुआ था उनकी फॅमिली के साथ.... मोना मेरा गुस्सा देख कर डर भी गई थी और उस पर हाथ ना उठाने की वजह से उसे मुझसे हमदर्दी भी होने लगी थी.... जिस तरह से मैने उसे बताया कि उसकी मोम का सच मेरे आज को एफेक्ट कर रहा है.... तो मोना सोच मे पड़ गई थी कि उसे क्या करना चाहिए... मोना अपने आप मे कन्फ्यूज़ थी...वो मेरी हेल्प करना भी चाहती थी...पर कल की बात सुन कर उसे मेरी फॅमिली से चिड हो गई थी...और इसीलिए वो आज चुप रही.... ऐसी कन्फ्यूज़ हालत मे मोना अपने रूम मे रेस्ट करने लगी और सोचने लगी कि वो आगे क्या करे...... कुछ देर बाद मोना ने डिसाइड किया कि पहले वो पता करेगी कि उसकी मोम कहाँ क्या है...और उसके बाद डिसाइड करेगी कि अंकित को बताए कि नही.... थोड़ी देर बाद मोना उठी और अपनी मोम के पास पहुच गई... मोहिनी इस टाइम अपने रूम मे ही लेटी थी... मोना जानती थी कि उसे अपनी मोम को पटा कर ही पता चलेगा कि उसकी पूरी कहानी क्या है.... मोना ने मोहिनी के रूम मे आते ही गेट लॉक कर दिया और बेड पर आ गई.... मोहिनी- अरे बेटा ..तू...इस टाइम... मोना- क्यो..इस टाइम नही आ सकती...किसी और का इंतज़ार था क्या...?? मोहिनी- कैसा इंतज़ार...किसका इंतज़ार करूगी... मोना- क्यो...आज चूत मे आग नही लगी क्या...??? मोहिनी- आग तो भयानक लगी है बेटा...पर बुझाऊ कैसे... मोना- क्यो..डॅड है ना...और फिर वसीम अंकल भी है... मोहिनी- अरे बेटा...तेरे डॅड मे दम ही नही कि मेरी आग बुझा पाए और वसीम भी बड़ा बिज़ी हो गया .... मोना(मन मे)- यही सही मौका है...मोम अभी गरम है...जल्दी बक देगी... मोहिनी- अब तू क्यो चुप हो गई...क्या सोच रही है... मोना- कुछ नही...बस कल रात के बारे मे सोच रही थी... मोहिनी- क्या...??? मोना- यही कि आपका अंकित की फॅमिली से क्या रिश्ता है... मोहिनी- इस बारे मे मत सोचो बेटा...पुरानी बाते भूल जाने मे ही भलाई है.... मोना- पर मुझे तो बता सकती हो ना... मोहिनी- हाँ ...और बताया भी है... मोना- पर मोम...पूरा कहाँ बताया... मोहिनी- यही पूरी कहानी है...और कुछ नही... मोना- कहाँ मोम...आपने ये तो बताया नही कि आपकी फॅमिली और अंकित की फॅमिली के बीच क्या हुआ था... मोहिनी- जो भी हुआ था वो इतिहास है...उस बारे मे मत सोच... मोना- पर मुझे जानना है मोम.. मोहिनी(गुस्से से)- नही बोला ना....समझ नही आता...जितना जानना था जान चुकी...अब कुछ नही... मोहिनी का गुस्सा देख कर मोना चुप हो गई और चुप चाप रूम से बाहर आ गई... मोना(मन मे)- आख़िर ऐसी क्या बात है जो मोम इतनी गुस्सा हो गई...ऐसा क्या हुआ था....अब कैसे पता करूँ... कुछ सोचने के बाद मोना फिर से मेरे रूम मे आ गई... मैं इस टाइम अपना गुस्सा शांत कर के लेटा हुआ था और यही सोच रहा था कि अब आगे क्या किया जाए.... तभी रूम पर नॉक हुई और गाते खोलते ही मोना को देख कर मेरा गुस्सा बढ़ गया.... मैं- तुम...जाओ यहाँ से... मोना- अंदर नही आने दोगे... मैं- बोला ना ...जाओ यहाँ से... मैं गेट लगाने लगा तो मोना ने हाथ लगा दिया और बोली... मोना- मैं तुम्हारी हेल्प करने आई हूँ... मोना की बात सुनकर मैं रुक गया और उसे अंदर आने दिया... मैं- हाँ..बोलो...क्या बोलना है... मोना- मैं सच्चाई जानने मे तुम्हारी हेल्प करूगी... मैं- अच्छा...और इस मेहरवानी की वजह... मोना- पता नही...बस ..तुम्हे देख कर ऐसा लगा कि शायद सच जानना तुम्हारे लिए बहुत ज़रूरी है... मैं- हाँ है...बहुत-बहुत ज़रूरी है... मोना- क्या मैं जान सकती हूँ कि क्यो...?? मैं- ये तुम्हे क्यो बताऊ... मोना- देखो...मैं तुम्हारी हेल्प कर रही हूँ...मुझ पर भरोसा तो रखो.... मैं(सोच कर)- ह्म्म..करूँगा...पर पहले तुम मुझे सच पता कर के बताओ...फिर मैं तुम्हे सब बताउन्गा ... मोना- पर मोम ने मुझे अब तक कुछ नही बताया...उल्टा गुस्सा हो गई... मैं- मतलब..तुम्हे कुछ पता नही...तो भूल जाओ सब... मोना- पर..पर पता चल सकता है... मैं- कैसे...??? मोना- हूँ..ओके..पर मैं अकेले कुछ नही कर पाउन्गी...तुम्हे साथ देना होगा... मैं- ओक..मैं तैयार हूँ...बोलो..क्या करना है... मोना- एक प्लान है... मैं- कैसा प्लान... मोना- पहले कुछ पी लेते है...फिर बताती हूँ... RE: चूतो का समुंदर - sexstories - 06-07-2017 इससे पहले की मैं कुछ बोलता...मोना उठ कर ड्रिंक बना कर ले आई...और हम ड्रिंक करने लगे..... मैं- अब पी लिया हो तो बोलो... मोना- ह्म्म..तो सुनो...तुम्हे मेरी चुदाई करनी होगी..आज रात... मैं- तू फिर सुरू हो गई... मोना- नही..मेरी चुदाई से ही तुम्हे फ़ायदा होगा... मैं- तुम जाओ यहाँ से...वरना इस बार हाथ रोकुगा नही...छाप दूँगा गाल पर... मोना(गाल दिखाते हुए)- तो छाप दो...पर पूरी बात सुन लो... मैं- ओक...बोलो...चुदाई से क्या होगा... मोना- ह्म्म..देखो..तुम मुझे चोदोगे...तभी मोम हमे देख लेगी.. मैं- तुम्हारी मोम...और वो देखेगी तो उससे क्या... मोना- अरे तुम नही जानते...मेरी मोम तुम्हारे लंड को देख कर तड़प उठेगी...उसे पाने को... मैं- क्यो...रंडी है क्या... मोना(गुस्से से)- रंडी नही है...बस सॅटिस्फाइड नही है... मैं- ओके..आगे बोलो... मोना- ओके..एक बार वो तुमसे चुदने आ जाए फिर काम हो सकता है... मैं- कैसे... मोना- तुम बस उन्हे गरम कर के छोड़ देना...उस वक़्त जो कहोगे वो वही करेगी... मैं- इतनी प्यासी है...ह्म्म मोना- हाँ है तो.. मैं- तो..तो कुछ नही...तुम्हे लगता है कि ये इतना आसान होगा... मोना- यही एक कमजोर कड़ी है...यहाँ मेरी मोम आसानी से टूट सकती है... मैं- ओके..तुम कहती हो तो ठीक..पर मैं तुम्हे कहाँ चोदुगा...जहाँ तुम्हारी मोम भी आ जाए... मोना- वो मैने सोच लिया...जो खाली रूम है ना...उसमे करेगे.... मैं- और तुम्हारी मोम..वो कैसे...??? मोना(बीच मे)- उसका इंतज़ाम मैं कर दूगी...बस तुम रात को वहाँ पहुच जाना...मैं मेसेज कर दूगी... मैं- ओके...ये भी कर लेते है...आइ होप काम बन जाए... मोना- डोंट वरी...तुम्हारा सेक्स पवर आज काम आयगा...चलो रात को मिलते है..बाइ... मोना बाइ कह कर निकल गई पर मैं सोच मे पड़ गया कि कैसी बेटी है...अपनी माँ को रंडी जैसे पेश कर दिया और माँ भी कैसी है...जो बस लंड के लिए कुछ भी कर देगी...कच्छी... फिर मैं फ्रेश हुआ और सोचने लगा कि रात होने को आई और अभी तक अनु का कॉल नही आया... ( अनु औट रक्षा से मेरी रोज ही बात होती है..भले 2 मिनट ही क्यो ना हो..) मैने अपना फ़ोन देखा तो पता चला कि फ़ोन तो ग़लती से फ्लाइट मोड पर था... मैने फ़ोन को ठीक किया और सबसे पहले अपने आदमी को कॉल लगाया... (कॉल पर) स- हाँ अंकित... मैं- कोई न्यूज़ है...?? स- कुछ खास नही... मैं- ओके..तो फ्री हो..कोई काम नही...हां.. स- हां..फिलहाल तो कुछ नही है...हाहाहा.... मैं- ओह्ह..तभी तो कॉल किया...कुछ काम देने.. स- बोलो यार...तुम्हे मना कब किया... मैं- ह्म्म...तो टाइम आ गया है...झटका देने का.... स- किसे...रजनी को...?? मैं- नही...उसे तो मैं खुद देख लूँगा... स- ह्म्म...तो कामिनी को ...??? मैं- सही कहा...कनिनी को झटका दे दो...और 2-3 बार देना... स- ह्म्म..आज ही तैयारी करता हूँ...वैसे वहाँ का क्या हाल है... मैं- यहाँ भी कुछ हुआ है...पर वो आराम से बताउन्गा....कन्फर्म कर के... स- ओके...टेक केयर.... मैं- ह्म्म्म ..वैसे वो तैयार है ना... स- तैयार ही है...उसके पास कोई चारा नही...हमारी बात ही मान नी होगी... मैं- गुड...तो आज ही सुरू कर दो... स- ह्म्म..आज रात या कल सुबह करता हूँ... मैं- ओके..मुझे बताते रहना... स- ओके..बाइ... मैने कॉल कट कर दी...और एक ड्रिंक बना कर गटक लिया..... मैं(मन मे)- कामिनी...अब तेरी बारी....तैयार हो जा...हाहाहा..... अपने आदमी को कॉल कर के मैने कामिनी को घेरने का इंतज़ाम कर लिया और फिर मैने अनु से बात की... फिर मैं रेस्ट करने लगा...अब मुझे इंतज़ार था सिर्फ़ मोना का.... मैं हर हाल मे मोहिनी से पूरी बात जानना चाहता था.... और जब मोना ने बताया कि उसकी मोम को सेक्स की भूख है....तो मुझे अपना प्लान आसान लगने लगा था.... थोड़ी देर बाद मैं नीचे गया और डिन्नर करके रूम मे आ गया.... RE: चूतो का समुंदर - sexstories - 06-07-2017 थोड़ी देर ही हुई थी कि मोना का मेसेज आ गया... मोना ने मुझे एक खाली रूम मे आने कहा.... मैं तो इंतज़ार मे ही था....तुरंत निकल गया.... जब मैं वहाँ पहुचा तो मोना बिल्कुल रेडी लग रही थी... पर मैं सिर्फ़ सेक्स के लिए नही आया था... मैं- तुम्हारी मोम कहाँ है...?? मोना मेरे पास आई और सीने पर हाथ फिराते हुए बोली... मोना- आ जायगी...इतनी बेताबी क्यो...??? मैं- चुप करो....तुम जानती हो कि मैं किस लिए बेताब हूँ.... मोना- ह्म्म्म...पर मेरी बेताबी का क्या... मैं- तुम काम की बात करोगी या नही ... मोना- वही तो कर रही हूँ... मैं- नही...तुम सिर्फ़ अपनी सोच रही हो...समझी... मोना- ट्रस्ट मी....मैं जो भी कर रही हूँ या करूगी...वो तुम्हारे ही काम आयगा.... मैं- ठीक है...आज तुम पर भरोसा कर के देख ही लेता हूँ...पर याद रखना...मुझे धोखा देने वालो को मैं तडपा-तडपा कर मारता हूँ....समझी.... मोना(मेरे होंठो के पास होंठ ला कर)- ह्म्म...पर अभी मत तडपाओ ना.... मैं- सॉफ-सॉफ बोलो...प्लान क्या है... मोना(मेरे होंठो पर उंगली रख कर)- सस्स्शह....जो कर रही हूँ...वही प्लान है...ट्रस्ट मी.... मैने भी मोना पर भरोशा करना ठीक समझा ....अगर मेरा काम नही हुआ तो इसे सबक सिखाउन्गा....यही सोच कर मैं चुप रह गया और मोना का साथ देने लगा..... मोना ने मेरे होंठो पर अपने होंठ चिपका दिए और हम एक-दूसरे के होंठो का रस्पान करने लगे.... मोना- सस्स्र्र्ररुउुउउ........सस्स्रर्र्ररुउुउउप्प्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प्प....आआओउउंम्म..... मैं- आअहह....अब होंठ ही चूस्ति रहोगी... मेरे बोलते ही मोना ने एक ही झटके मे अपनी नाइटी निकाल दी....और उसके रसीले बूब्स देख कर मेरे अरमान भड़क उठे... मैने मोना को अपनी बाहों मे फसाया और झुक कर उसके बूब्स को चूमने लगा.... थोड़ा चूमने के बाद मैने एक बूब्स को मूह मे भरा और दूसरे को हाथ मे लिया और बूब्स की रगड़ाई चालू कर दी... मैं बारी-बारी मोना के दोनो बूब्स को चूस कर मज़ा लेने लगा और मोना भी सिसकारियाँ भरने लगी..... मैं- सस्स्स्र्र्ररुउुउउप्प्प्प.......सस्स्स्स्स्रर्र्र्ररुउुउउप्प्प्प्प.....सस्स्स्रर्र्ररुउउउप्प्प्प्प्प......सस्स्स्रर्र्ररुउउउप्प्प्प्प्प.... मोना- आआअहह......उूुउउम्म्म्ममम.....ऐसे ही....ज़ोर से....आआहह.....आअहह....मसल दो...आआहह... थोड़ी देर मे मैने मोना के बूब्स को चूस -चूस कर लाल कर दिया....और फिर बूब्स छोड़ कर उसकी नंगी चूत पर हाथ फिराने लगा... अब मोना से गर्मी बर्दास्त नही हो रही थी.... मोना जल्दी से नीचे बैठी और मेरे लंड को बाहर निकाल कर हिलाने लगी... तभी मुझे लगा कि कोई रूम मे झाँक रहा है ....बट मोना ने मुझे इसरे से चुप रहने बोला... मोना ने मेरा लंड हिलाते हुए सुपाडा मूह मे भर लिया और मैं भी मस्त हो गया... मोना ने धीरे -धीरे पूरा लंड मूह मे भर लिया और उसे तैयार करने लगी.... मोना- सस्स्रररुउुऊउगगगगग....सस्स्स्र्र्ररुउउऊहगग्गग....सस्स्स्रररूउउगग़गग....उूुुउउम्म्म्मम....उूुउउम्म्म्मम..... मैं- आअहह....मोना....क्या चूस्ति है तू...आआआहह.... मोना- उूउउम्म्म्मममम....उूुुउउम्म्म्म....सस्स्स्रररुउुउउप्प्प्प्प...सस्स्ररुउउप्प्प्प...उउंम..उउउंम्म...उउंम्म.. मैं- हाँ...ऐसे ही...ओह्ह्ह्ह मोना...ज़ोर से.....आअहह... थोड़ी देर तक मोना ने मेरा लंड चूस-चूस कर पूरा तैयार कर दिया और फिर मूह से निकाल कर मूठ मारने लगी... इस समय मेरा लंड लाइट की रोशनी मे चमक रहा था और फुल पवर मे तना हुआ था... तभी मोना ने एक हाथ से अपना फ़ोन उठाया और मुझे मेसेज कर दिया... [url=/ /> RE: चूतो का समुंदर - sexstories - 06-07-2017 मैने जेब से मोबाइल निकाल कर देखा और मेसेज पढ़ते ही... मैं- कौन है वहाँ...आरररे मोना...गेट पर कोई है ..छोड़ो...मैं जा रहा हूँ ... और मैने मोना के हाथ से लंड खींच कर पेंट के अंदर किया और रूम से निकल गया..... ( आक्च्युयली मोना के मेसेज मे यही लिखा था कि मेसेज मिलते ही निकल जाना.... क्योकि हम दोनो को पता था कि मोहिनी हमे देख रही थी....क्योकि मोना ने मेरे आते ही मोहिनी को मेसेज कर दिया था...रूम मे आने के लिए.... मोना सिर्फ़ मोहिनी को मेरा लंड दिखाना चाहती थी जिससे वो गरम हो जाए और लंड खाने को बेचैन हो जाए.....) मैं रूम से निकला तो मोहिनी गेट के एक साइड छिप गई और मैं उस तरफ देखे बिना ही सीधा निकल गया.... मेरे जाते ही मोहिनी रूम मे आ गई....उसके सामने उसकी बेटी मोना सोफे पर बैठी हुई सिगरेट जला रही थी... मोहिनी को देख कर मोना ने कुछ खास रिक्ट नही किया...बस अपनी सिगरेट जला के कस मारने लगी... मोना(कस मार कर)- अरे मोम...आओ ना...कितना वेट कराती हो आप... मोहिनी- अच्छा....कुछ ज़्यादा ही तड़प रही है आज..हाँ... मोना- और नही तो क्या ..देखो...मेरी चूत कैसे रो रही है....काश कोई इसकी प्यास बुझा दे.... मोहिनी- अरे...मैं हूँ ना बेटी...अभी प्यास बुझाती हूँ.... इतना बोल कर मोहिनी ने अपने जिस्म पर फसि नाइटी निकाल दी और नीचे बैठ कर अपनी बेटी की टांगे खोल दी.... मोना- वाउ मोम...आप तो फुल गरम हो...ये लो...एक कस मारो..फिर चूस डालो अपनी बेटी की तड़पति चूत...(मोना, मोहिनी को सिगरेट पास करती है...) मोहिनी(कस खींच कर)- आअहह...अभी लो बेटी....पहले तेरी चूत को सिगरेट का नशा तो दे दूं... और मोहिनी ने एक कस ले कर धुआ मोना की चूत पर छोड़ दिया ... मोना- बस मोम...और ना तडपाओ...जल्दी करो ना.... मोहिनी- अभी लो बेटी... और फिर मोहिनी ने मोना की टांगे खोल कर उसकी चूत पर जीभ फिरानी सुरू कर दी.... मोहिनी- सस्स्स्र्र्ररुउुउउप्प्प्प्प्प.....सस्स्स्स्रर्र्ररुउउउप्प्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प.... मोना- आआहह....सस्स्स्शह....मोम.....ज़ोर से चूसो...आआअहह..... मोहिनी- आअहह...मज़ा आ रहा है बेटी... मोना- हाँ ..पर मुझे तो तगड़े लंड की प्यास है मोम... मोहिनी- सस्स्रररुउउउप्प्प...आहह...वो तो मुझे भी है मेरी बच्ची...पर क्या करूँ...किस्मत ही खराब है... मोना- आअहह....मैं किस्मत अच्छी कर सकती हूँ मोम... मोहिनी(चूत छोड़ कर)-कैसे...?? मोना- मेरे पास एक सक्श है जिसका लंड बड़ा दमदार है...कहो तो बुला लूँ... मोहिनी(मन मे)- साली अंकित की बात ही कर रही है....उसी का तो चूस रही थी अभी... मोना- बोलो मोम... मोहिनी- पर...किसका... मोना- तुम लंड देखना...इंसान से क्या मतलब... मोहिनी(मन मे)- वैसे था तो बड़ा मस्त लौडा....मन कर रहा था कि गप कर के मूह मे भर लूँ... मोना- मैं बुलाती हूँ... मोना की बात पर मोहिनी कुछ नही बोली बस अंकित के लंड की खुशी मे मोना की चूत चूसने लगी... मोना के कॉल करते ही मैं बात करते हुए रूम मे आ गया... |